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Akele hi najar aaye ham jahaan se gujare kya hai samasya ka Ant

अकेले ही नजर आये हम जहाँ - जहाँ से गुजरे, क्या है समस्याओं का अंत

ढल चुकी रात अब तो उठ गई महफिल,मैं कहाँ जाउं बता मेरी मंजिल है कहाँ ! जिंदगी क्या है ये सवाल सच में बड़ा ही पेचीदा है वैसे ये सवाल उतना पेचीदा है नहीं जितना हम इस को बना लेते है,तो ऐसे क्या है और ऐसे क्या होता है जीवन में की जिंदगी इतनी पेचीदा हो जाती है,और कभी तो इस जीवन का अंत करने का मान करते है , असल में ये  जिंदगी और कुछ नहीं बस आपके खुद के कुछ सवाल है जो आप खुद से पूछना चाहते है और अगर उन सवालों के उत्तर नहीं मिलते तो आप परेशां हो जाते है,और आप अपने जीवन में एक बदलव चाहते है और ये बदलाव क्या है ? आप के जेहन में ये ख्याल आता है की आखिर आप की मंजिल है क्या ? इन ही सवालो की आप धापी का नाम ज़िन्दगी है और आप तब तक  कुछ भी नहीं बदल सकते , जब तक आप दिल से उसे बदलना नहीं चाहते,अगर आपके मन में बदलाव की मज़बूत ख़्वाहिश नहीं है तो बाक़ी तो सिर्फ़ बातें हैं, जो  इस आप धापी से परे उठ कर इन समस्या को जीत लेता है वो इस जीवन का आनंद लेता है , 

छोटे से लेकर बड़े तक,तनाव बन जाता है बड़ी बीमारी का कारण और इंसान अकेला रह जाते है, 

ज़िन्दगी क्या है ?
बहुत लोग है दुनिया में जो हर साल आत्महत्या करते है ,ये सब कभी ना सोचे की ज़िन्दगी सही नहीं  ज़िन्दगी बहुत अच्छी है आज वक़्त बुरा है कल अच्छा होगा, आज दुनिया में  हर दूसरा या तीसरा इंसान मानसिक तनाव से गुजर रहा है कारण कुछ भी हो सकता है, ये तनाव इस हद तक बढ़ जाता है की हम खुद से हरने लग जाते है और इस का कारण सिर्फ एक है जब हम खुद पर दवाब लेने लगते हैं और जीवन के हर पहलू पर नकारात्मक रूप से सोचने और फिर उन विचारो को खुद पर हावी करने लगते है, यह समस्या शारीरिक रूप से कमजोर करने के साथ-साथ भावनात्मक रूप से भी आहत करती है। इससे ग्रस्त व्यक्ति न तो ठीक से काम कर पाता है और न ही अपने जीवन का खुलकर आनंद उठा पाता है ,आज के समाये में आगे निकलने की होड़ ने शयद जीवन क्या है? ज़िन्दगी क्या है? ये  दोस्ती क्या है ? इन सब को पीछे छोड़ दिया आज दुनिया में मानसिक तनाव का कारण अगर मैं कहूँ तो बड़ा घर बड़ी जॉब बड़ा बैंक बैलेंस , अच्छा नेता बन जाना , या अभिनेता या कुछ और इस होड़ ने ज़िन्दगी से मनो जैसे आप का जीवन ही चुरा लिया हो, हर रोज उगती सुबह की किरणों के साथ कहीं किसी जिंदगी हार कर बंद दरवाजों के पीछे सिसक रही होगी घुट रही होगी किसी की खामोशी या फिर कोई बना रहा होगा अकेलेपन का फंदा किसी पंखे से लटकने के लिये, क्या वजह है क्या कारण है की इंसान समझ नहीं पता, या आज किसी को समझने की कोशिश ही नहीं करता , आज एक घर में रहते हुए भी हम इतने दूर है क्यों इस अकेले पैन की क्या वजह है कोई संजना ही नहीं चाहता है शयद इस लिए कोई अपने कपंते हाथो से अपना आखरी खत लिखता होगा,


ज़िंदगी को भी भर नहीं सकता सिवाए ज़िन्दगी के 

यूं तो किसी भी मनुष्य का उदास या निराश होना स्वाभाविक है, लेकिन जब ये एहसास काफी लंबे समय तक बना रहे तो समझ जाइए कि वो तनाव की स्थिति में है। यह एक ऐसा मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति को कुछ भी अच्छा नहीं लगता। उसे अपना जीवन नीरस, खाली-खाली और दुखों से भरा लगता है। प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग कारणों  से तनाव हो सकता है। किसी बात या काम का अत्यधिक दवाब लेने से यह समस्या पैदा हो जाती है। दोस्तों आज के समाये लोग मानसिक तनाव से गुजर रहे है , और इस वजह से लोग गलत कदम उठा रहे है , जैसे ख़ुदकुशी कारण हाथो की नस काटना , फांसी , खुदखुशी सामूहिक रूप से करने लगे है और इस होड़ में बड़े तपके के लोग जिन के पास दुनिया की हर वो सुख सुविदा मजूद है, लेकिन अगर ये चलन आम नागरिको जिन के पास जीवन में इतने सुख सुविदा और ये चलन आम लोगो में गति पकड़ लेगा तो क्या होगा , जिंदगी में आत्म हत्या इतनी सस्ती हो गयी की प्रॉब्लम जो आज है कल नहीं वो बड़ी हो गयी, हर हत्या के पीछे कोइ न कोई हत्यारा होता है बस कभी कभी वो दिखये ये जरुरी नहीं , जीवन के दुखों का आत्महत्या हल नहीं है टूट जाये प्रबल आशा घेर ले चाहे निराशा इस परिस्थिति में स्वयं को हार जाना क्या सही है?


बीमारी का शिकार ना बने बस बात करे, 

इस लेख को हर एक उस इंसान से पढ़ने वाले से एक आग्र्ह  कर रहा हूँ, आप अपने दोस्तों को समाये मिलते जरूर फ़ोन आकर , सब का हाल चाल पूछे और जो इस बीमारी से ग्रस्त है वो अपनी प्रॉब्लम को किसी से छुपाये नहीं ये मानसिक तनाव तब तक ही है जब तक आप अपनी बात किसी को बता नहीं पा रहे, बस दोस्तों कोई सुनने वाला चाइये अपने लिए जीना छोड़ कर किसी एक लिए अगर जीने लग पड़े तो दुनिया से ये रोग खत्म हो जायेगा एक सर्वे ये बताता है की आप अगर अपनी बात कसी को बताते है तो आप उस तनाव से बहार आ जाते है,इस समस्या को हल्के में न लें, क्योंकि तनाव भरी जिंदगी जीने वाले लोग कैंसर, फेफड़ों संबंधी बीमारी, माइग्रेन, तेज सिरदर्द, घातक दुर्घटना, लिवर की समस्या, हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन, अल्सर, हाई ब्लड प्रेशर, एन्जाइना और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं, अगर कोई आप को फ़ोन करे तो आप उस का उत्तर दे अगर बिजी है तो आप उस को वापिस फ़ोन करे , आज एक इस दौर में किसी का दुःख काम करते है और सुख बाटने का काम करते है , 



आपका इरादा मज़बूत होना चाहिए इसलिए लड़ते रहिये ,

आपका इरादा मज़बूत होना चाहिए आपकी लगातार कोशिश करने की हिम्मत होनी चाहिए ताकि अगर किसी मुश्किल का हल  पाना चाहते है तो उस पर कामयाबी को हासिल कर पाए लेकिन सवाल और इन सवालों के जवाब आपको हर मुश्किल लगते है तो दोस्तों से अपने चाहने वालो से बात करे जिंदगी अनमोल है हो सकता है आप के लिए नहीं मगर आप को देख कर कोई खुद का जीवन जी रहा है, इस लिए हिम्मत नहीं हरनी चाइये ज़िन्दगी जीने के लिए है, लड़ते रहिये एक अच्छा योद्धा वो ही है जो लड़ना जनता है हारना और जितना आप की हिम्मत तय करती है  फिर चाहे आपकी निजी ज़िंदगी का मसला हो, किसी एक इंसान की दिक़्क़तें हों या किसी कंपनी की चुनौतियां, 

कुछ कर के दिखा दिया,कुछ कर के दिखाना है अरे मेरे दोस्त इस ज़िन्दगी में काम बहुत हैं, जहाँ में जीतने वाले ज़िन्दगी के अभी  "जीत" मुक़ाम बहुत हैं,माना  की मुकम्मल शख्स वही जो दुनिया को बदल डाले, तू खुद लड रोज़ पर खुद से हारना नहीं यूँ इस ज़िन्दगी में गुमनाम मर मिटने वाले  "जीत" नाम बहुत हैं ||

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2 Comments

  1. Bahut sunder likhte ho mere bhai, lagta hai aapki manjil kuch aur hai aur aap ne rasta koi aur chun liya hai... Sahi munch ka intzaar karo aur us mouke ko miss mat karna gar kabhi duur se bhi najar aa jaye to. Bas aapko lapakna hai wohi apki disha nirdharit karega ... Jai hind mere bhai

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आपको जीवन में आगे बढ़ने,और जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने मैं हिम्मत और साहस की जरुरत है अगर आप में ये साहस है तो आप खुद को और इस देश को बदल सकते है,खोजोंगे अगर तो रास्ते मिलेंगे, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं,जिस दिन लोग ऐसी सोच रखना शुरू कर देंगे, उस दिन हमारा भारत सही मायने मे महान कहलाएगा,धन्यवाद, |जय हिन्द| |जय भारत |अगर आप को मेरे विचार अच्छे लगे तो प्लीज़,आप अपने विचार दें||