130 करोड़ की आबादी वाले भारत में गर आपसे पूछा जाए कि इस देश की सबसे बड़ी समस्या क्या है? स्वभाविक रूप से इस प्रश्न का कोई एक जवाब ढूंढ़ पाना आपके लिए आसान नहीं होगा आज भारत देश में इस (18 से 40) युवा आयु के लोग सबसे बड़ी संख्या में मौजूद है। यह एक ऐसा वर्ग है जो शारीरिक एवं मानसिक रूप से सबसे ज्यादा ताकतवर है। जो देश और अपने परिवार के विकास के लिए हर संभव प्रयत्न करते हैं। आज भारत देश में 75% युवा पढ़ना लिखना जानता है। आज भारत ने अन्य देशों की तुलना में अच्छी खासी प्रगति की है। इसमें सबसे बड़ा योगदान शिक्षा का है। आज भारत का हर युवा अच्छी से अच्छी शिक्षा पा रहा है।उन्हें पर्याप्त रोजगार के अवसर मिल रहे हैं परंतु दुख की बात यह है कि आज का युवा भले ही कितना पढ़ लिख गया हो यह लेकिन अपनी संस्कृति , देश और परिवार प्रति जिम्मेदारियों को दिन - हर दिन भूलता जा रहा है ,भारत देश युवा समूह के लिए तैयार है जिसके लिए एक नई युवा क्रांति की जरुरत है । लेकिन अफसोस की बात है कि देश का ये युवा समूह अपने रस्ते से भटक गया है । भारत का युवा वर्ग भारत में अपना योगदान देने की बजाय भारत को बर्बाद करने में कोई कसार नहीं छोड़ रहा है । 130 करोड़ की आबादी वाले भारत में गर आपसे पूछा जाए कि इस देश की सबसे बड़ी समस्या क्या है? स्वभाविक रूप से इस प्रश्न का कोई एक जवाब ढूंढ़ पाना आपके लिए आसान नहीं होगा। गरीबी, भूखमरी, बीमारी, बेरोजगारी तमाम विषय आपके ज़हन में आएंगे।मगर इस के साथ साथ इस देश में वो ताकत है जो दूसरे किसी देश में नहीं मिट्टि के हर कण से एक वीर पैदा होता है। आज इस ही युवा ने अपनी छाप धरती से ले कर अंतरिष्क पहुंचा दी है।
आज हम बड़े फक्र से कहते है हिन्दू और मुस्लिम नहीं हम भाई भाई है, तो सवाल ये है की इन भाइयों के हाथों में पत्थर और तेज़ाब किस ने दिया ? कौन है वो दोषी जिस ने युवा भारत को घुटनो पर ला दिया है ?उनको कौन बुलाते है क्यूँ इस सवाल का उत्तर उनसे नहीं पूछा जाता जिस को चुन कर ये समाज कुर्सी पर बिठाते है ?लेकिन कितने ऐसे लोग हैं जिन्हें दंगे करवाने के ज़ुर्म में सज़ा मिली? शायद यही कारण है कि इस तरह की घटनाएँ आज के भारत में भी होती रहती हैं.मैं कहूँ कि न्याय मिल गया है तो वे कहेंगे कि आपने दर्द देखा ही कहां हैं? आप कैसे कह सकते हैं कि न्याय मिला या नहीं मिला? जिसने चोट खाई है, जिसे दर्द हुआ है, वही इसका ज़बाव दे सकता है."
देश के कई महात्मा कहा करते हैं कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. लेकिन इंसान बहकावे में आकर, धर्म और आस्था की आड़ में एक-दूसरे का ख़ून बहाता है. इन सब फसादों के कारण हमारा विकास और देश की प्रगति रूक रही है||
अभी - अभी तो चलना शुरू किया है अभी तो खुद की पहचान खुद से होना बाकी है "जीत" ||
Name - Jeet Thakur City - Hamirpur State - Himachal Contact - thakurmanjeet777@gmail.com
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आपको जीवन में आगे बढ़ने,और जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने मैं हिम्मत और साहस की जरुरत है अगर आप में ये साहस है तो आप खुद को और इस देश को बदल सकते है,खोजोंगे अगर तो रास्ते मिलेंगे, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं,जिस दिन लोग ऐसी सोच रखना शुरू कर देंगे, उस दिन हमारा भारत सही मायने मे महान कहलाएगा,धन्यवाद, |जय हिन्द| |जय भारत |अगर आप को मेरे विचार अच्छे लगे तो प्लीज़,आप अपने विचार दें||