सिर्फ अपने लिए स्वार्थी होने का समय खत्म हो गया है
कोरोनावायरस से पूरी दुनिया दहशत में है. पूरे विश्व में अब तक 382,031 केस और 16,565 से ज्यादा लोगों की मौत चुकी है. वहीं ठीक होने वालो की संख्या 102,481. लोग इससे ठीक भी हो चुके हैं. भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus In India) से संक्रमित लोगों की संख्या 511 के पार पहुंच चुकी है. ऐसे में देश के 80 से ज्यादा शहरों के लॉक डाउन किया गया है|Covid-19 से बचने के लिए कई तरह की सावधानियां बार बार टीवी पर बताई जा रही हैं. लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और साफ सफाई का पालन करने के लिए कहा गया है. कोरोनावायरस के लक्षणों (Symptoms Of Coronavirus) के बारे में बार बार बताया जा रहा है कि यह फेंफड़ों को सबसे पहले प्रभावित करता है लेकिन क्या ऐसा वाकई है या फेफड़ों और सांस लेने में कठिनाई से पहले कुछ और लक्षण भी दिखाई देते हैं? द अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी में प्रकाशित एक नए अध्ययन में सामने आया है कि जो लोग कोरोनावायरस (coronavirus) से संक्रमित हुए उन्हें वायरस से प्रभावित होने पर पहला संकेत दस्त और पाचन संबंधी समस्या का सामना करना पड़ा है.
1-लोग संक्रमण से बहुत जल्दी संक्रमित होते हैं, संभावित रूप से वे लक्षणग्रस्त होने से पहले भी।
शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि कोरोनोवायरस से संक्रमित लोग भारी मात्रा में वायरस एक जगह से दूसरी जगह और हज़ारो लोगो से लाखों तक इस वायरस को बहा रहे है - जब उनके पास केवल हल्के, ठंडे जैसे लक्षण दिखे तब उन्हें अपने घरो में रुकना चाइये । वास्तव में, पहले दिन नाक और गले में वायरस का स्तर इतना नहीं होने के कारण लोगो को पता नहीं चल पता इससे पता चलता है कि संक्रमित लोग रोगसूचक होने से पहले ही वायरस को बहा रहे हैं।इस लिए अपने घरो में खुद को संभालना चाइये ताकि ये बीमारी फैलने से बचे|
2-संक्रमण के बाद लक्षण साफ़ रूप दिखाई देने में 11 दिन तक का समय लग सकता है।
कुछ लोग जल्द ही लक्षणों की गिरिफ्त में आएंगे और कुछ बाद में उन्हें विकसित करेंगे। अध्ययन में यह भी बताया गया कि केवल 2.5% लोगों ने एक्सपोज़र के दो दिन बाद लक्षण दिखाए, और 97.5% लोग 11 दिनों के बाद रोग सूचक(इन्फेक्टेड) थे। इसका मतलब यह है कि यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, जिसके पास वायरस है, तो आपको सुरक्षित रहने के लिए पूरे 14 दिनों के लिए संगरोध (क्वारंटाइन) करना होगा। यह समय सीमा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि आप इस समय के दौरान अत्यधिक संक्रामक हो सकते हैं और यह भी नहीं जानते हैं की शयद उनका परिवार भी इसकी चपेट में आ सकता है|
3-वायरस तीन दिनों तक सतहों पर रहता है |
वैज्ञानिकों ने एक एरोसोल बनाया जिसमें कोरोनोवायरस की नकल करने के लिए था, जो ये पता कर सकता है की कोरोना वायरस कब तक और कहाँ किस सरफेस पर कितनी देर तक जिन्दा रह सकता है कि यह एक छींक, खांसी या एक साँस द्वारा कैसे फैल जाएगा। फिर, उन्होंने अलग-अलग सतहों पर उस एरोसोल का छिड़काव किया, यह देखने के लिए कि वायरस कितने समय तक जीवित रह सकता है। तांबे पर, वायरस को चार घंटे तक, कार्डबोर्ड पर 24 घंटे और प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर दो से तीन दिनों के लिए पता लगाया जा सकता था। इसका अर्थ है कि वस्तुएं अधिक समय तक दूषित रह सकती हैं, और लोग वायरस से संक्रमित हो सकते हैं यदि वे वस्तु को छूते हैं और फिर उनके चेहरे को छूते हैं। यदि आप किसी बीमार व्यक्ति की छींक, खांसी या साँस छोड़ते हैं, तो आप भी संक्रमित हो सकते हैं। तो आप को ऐसे वस्तुओ को छूने से बचना चाइये|
4-संक्रमण की दर तेजी से बढ़ रही है।
संक्रमण की दर तेजी से बढ़ रही है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है की कोरोना वायरस संक्रमण दर 2 और 2.5 के बीच है, जिसका अर्थ है कि हर व्यक्ति को बीमार एक और दो या तीन लोगों को संक्रमित जाएगा हो जाता है। उस गति से, वायरस वाले लोगों की संख्या हर छह दिनों में दोगुनी हो जाएगी । इस दर ने महामारी विज्ञानियों को यह अनुमान लगाने के लिए प्रेरित किया कि 40% से 70% की आबादी को ये वायरस को अपनी चपेट में ले सकता है यदि हम बचाव नहीं करेंगे आप सोच सकते है की इस का अंजाम क्या होने वाला है| आप का अपने घरो में ही रहना सेफ है| चरम सामाजिक दुरी ही इस से बचने का एक मात्र उपाय हैं।
5-यह सिर्फ बूढ़े लोग को ही नहीं हैं जो गंभीर रूप से बीमार हो
यह सिर्फ बूढ़े लोग को ही नहीं हैं जो गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं। बहुत से युवाओं ने कोविद -19 के जोखिम और इस से होने वाले खतरे को अनदेखा कर रखा है वो इस को हलके में ले रहे है और इस की गम्बिरता को उड़ा दिया है क्योंकि 60 से अधिक उम्र के लोगों में अधिकांश मौतें हुई हैं। हालांकि, सीडीसी की एक नई रिपोर्ट में पाया गया है कि अमेरिका में 38% लोग थे कोविद -19 के लिए अस्पताल में भर्ती 20 से 54 वर्ष की आयु के बीच थे, और आईसीयू बेड का 12% 20 से 44 वर्ष की आयु के लोगों द्वारा लिया गया था। तो आप इस बात का ध्यान रखे की ये वायरस आपको एक युवा व्यक्ति के रूप में नहीं मारता है और आप को इस से बचने के बार बार हाथ धोने है,घरो में रहना है इस लिए तमाम देशो सरकारों ने घरो में रहने की एप्पिल की है अगर आप ये नहीं कर पाए तो आप जानते है की इस वायरस का आंकड़ा कैसे ऊपर की और बढ़ रहा है और ये आप को भी यह आपको बहुत बीमार बना सकता है।
इस जानकारी का मतलब यह नहीं है कि आपको घबराना चाहिए, लेकिन आपको महामारी को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। सभी की एक जिम्मेदारी है - न केवल खुद की रक्षा करना, बल्कि आप को चाहने वालो के लिए , अपने दोस्तों, परिवार, पड़ोसियों और समुदाय की रक्षा करना के लिए भी आप को सचेत रहने की जरुरत है| अगर आप इस वायरस का ग्रश नहीं बनना चाहते हैं, तो आज खुद पर पर अंकुश लगाना होगा और ये तभी संभव होगा जब आप सामाजिक रूप से दूर रहें।
#indiaFightAgainstCorona
आप का दोस्त जीत ठाकुर
जय हिन्द
जय भारत
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आपको जीवन में आगे बढ़ने,और जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने मैं हिम्मत और साहस की जरुरत है अगर आप में ये साहस है तो आप खुद को और इस देश को बदल सकते है,खोजोंगे अगर तो रास्ते मिलेंगे, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं,जिस दिन लोग ऐसी सोच रखना शुरू कर देंगे, उस दिन हमारा भारत सही मायने मे महान कहलाएगा,धन्यवाद, |जय हिन्द| |जय भारत |अगर आप को मेरे विचार अच्छे लगे तो प्लीज़,आप अपने विचार दें||