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9PM 9 Minutes Ek Sankalp Ka Deepak 130crore vs #Corona

 देश और दुनिया ने जलाए संकल्प के दिए,

दीपक हमें अज्ञान को दूर करके पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने का संदेश देता है। दीपक अंधकार दूर करता है। मिट्टी का दीया मिट्टी से बने हुए मनुष्य शरीर का प्रतीक है और उसमें रहने वाला तेल अपनी जीवनशक्ति का प्रतीक है। मनुष्य अपनी जीवनशक्ति से मेहनत करके संसार से अंधकार दूर करके ज्ञान का प्रकाश फैलाये ऐसा संदेश दीपक हमें देता है। मंदिर में आरती करते समय दीया जलाने के पीछे यही भाव रहा है कि भगवान हमारे मन से अज्ञान रूपी अंधकार दूर करके ज्ञानरूप प्रकाश फैलायें। गहरे अंधकार से प्रभु! परम प्रकाश की ओर ले चल।
कुल मिलाकर दीपक या दिया जलाना हर शुभ अवसर पर एक अनिवार्य परंपरा माना जाता है इसलिये दीपक की लौ सही दिशा में अवश्य होनी चाहिये ।
दीपक की लौ सिर्फ रोशनी की प्रतीक नहीं है बल्कि वह अज्ञानता के अंधकार को हटाकर ज्ञान के प्रकाश से जीवन को रोशन करने की प्रतीक है। दरिद्रता के तिमिर का नाश कर खुशियों से जीवन को जगमगा देने की प्रतीक है। नकारात्मकता से चौंधियाये अंधेरे मन में सकारात्मकता के प्रकाश की किरणों की प्रतीक है। 

पीएम मोदी की अपील


9PM 9 Minutes
ज्ञान प्राप्त करने का संदेश 
पीएम मोदी ने की थी अपीलआपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में कहा था आज 5 अप्रैल यानी रविवार को सभी लोग 9 बजे 9 मिनट के लिए अपने घर की बालकनी या फिर छत में आएं और घर की सभी लाइटें बंद कर केवल मोमबत्ती, दीया या फिर मोबाइल का टॉर्च जलाएं। पीएम ने कहा था यह संदेश हमारी शक्ति का परिचय देता है। ये देशवासियों की एकजुट को दर्शाता है। पीएम मोदी ने कहा था इस एकजुटता के सहारे ही हम इस महामारी यानि कोरोना को मात दे सकते हैं


देश का कोरोना को हराने का संदेश

कोरोना वायरस से जंग में सहभागी बनने के लिए पीएम मोदी के आह्वान पर रविवार की रात 9 बजे  9मिनट तक देस को इस महामारी से निकलने के लिए एक ऊर्जा का संकल्प लेने को कहा था देश ने उनका साथ दिया और दुनिया को ये पैगाम दिया की भारत इस जंग में  एक साथ खड़ा है और लोगों ने संकल्प के दीये प्रज्ज्वलित किये।
लोगों ने अपने घरों की लाइट बंद कर मोमबत्ती से घरों को रोशन किया। पुरे देश में इस आव्हान को दीपावली की तरह दिए की रोशन कर के दुनिया को नया सन्देश दिया और सारा देश जगमगा उठा। जिसको देख कोरोना वायरस के खिलाफ लोगों की एकजुटता प्रदर्शित हुई। रात्रि 9 बजे लोगों ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए अपने घरों की बिजली को बंद रखा। लोगों ने अपने घरों में दीये, मोमबत्ती, मोबाइल की लाइट की रोशनी से घर को रोशन किया। यह क्रम 9 मिनट से अधिक देर तक जारी रहा। इस दरमियान लोगों ने सोशल डिस्टेंस का विशेष ध्यान रखा। महत्वपूर्ण बात यह है कि लोगों ने इसके पहले कोरोना वायरस से निपटने के लिए ताली और थाली बजाकर कोरोना वायरस के खिलाफ अपने एकजुटता प्रदर्शित किया और इस बार दिए और मोमबत्ती जला कर कोरोना महामारी से एक जुटाता के साथ सामना कर हराने के संदेश दिया।

जीवनशक्ति का प्रतीक

देश के कई राज्यों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना

भारत में कोरोनावायरस से अब तक 118 लोगों की मौत हो चुकी है और 4313 इसके संक्रमण के शिकार हुए हैं. देश में  बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 700 मरीज सामने आए हैं. वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 328 है. कोरोनावायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन जारी है जो 14 अप्रैल तक चलेगा. हालांकि कई राज्य ऐसे हैं जहां से कोरोना के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना की बेकाबू होती स्थिति को देखते हुए आक्रामक योजना बनाई है. इस योजना के तहत जो सबसे प्रभावित क्षेत्र है उसको पूरी तरह से बफर जोन बनाकर सील किया जाएगा. ऐसे क्षेत्र को लगभग एक महीने तक पूरी तरह से बंद रखा जाएगा.22 मार्च से कोरोना संक्रमित मामले में तीन गुना की वृद्धि हुई है, जिसके बाद सरकार ने यह प्लान बनाया है. 20 पन्नों के दस्तावेज़ में कहा गया है कि इस ‘रणनीति’ को केवल तभी लागू नहीं किया जाएगा जब अंतिम पुष्टि परीक्षण के बाद कम से कम चार सप्ताह तक COVID-19 के किसी भी नए मामले की रिपोर्ट नेगेटिव न आ जाए ।





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