देश में Covid_Vaccination का महाभियान जारी,
आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसका पूरे देश को बेसब्री से इंतजार था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार से दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) अभियान की शुरूआत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग विशेष प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते कई महीनों से कोरोना (Corona Virus) के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे. आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं. देश में कोरोना का पहली मरीज जनवरी 2020 में ही सामने आया था. ऐसे में अगर देखा जाए तो इस बीमारी से निपटने में करीब एक साल की वक्त लगा जब वैज्ञानिकों ने इसकी वैक्सीन बनवाई और भारत में टीकाकरण अभियान भी शुरू हो गया.
2Doses Must Make Mistake
सबसे पहले किसे मिलेगी वैक्सीन
1. स्वास्थ्य कर्मचारी: सार्वजनिक और निजी
कोरोना वैक्सीन (COVID-19) वैक्सीन प्रशासन के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (NEGVAC) द्वारा की गई सिफारिशों के मुताबिक ये वैक्सीन सबसे पहले सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में काम करने वाले लगभग एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारियों को दिया जाएगा. इन स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों को आगे उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है - फ्रंटलाइन स्वास्थ्य और एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS)कार्यकर्ता, नर्स और पर्यवेक्षक, चिकित्सा अधिकारी, पैरामेडिकल स्टाफ, सहायक कर्मचारी और छात्र. उसी का डेटा सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं से एकत्र किया गया है और कॉइन (CoWIN)में फीड जा रहा है.
2. फ्रंटलाइन वर्कर्स और नगरपालिका कार्यकर्ता
फ्रंटलाइन वर्कर्स में सभी राज्य और केंद्रीय पुलिस विभाग, सशस्त्र बल, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा संगठन, जेल कर्मचारियों, नगरपालिका के श्रमिकों और राजस्व अधिकारियों से जुड़े लगभग दो करोड़ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, COVID-19 के नियंत्रण में लगे हुए हैं. इनके अलावा राज्य सरकार और रक्षा, गृह, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालयों से जुड़े श्रमिकों को भी इस चरण में सम्मिलित किया जाएगा.
3. 50 वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्या
इस श्रेणी में आने वाले लोगों को भी दो भागों में बांटा गया है. पहली श्रेणी 60 साल से ऊपर और दूसरी 50 से 60 साल के बीच की है. इन लोगों की पहचान लोकसभा और विधानसभा चुनाव की सबसे अपडेट लिस्ट से किया जाएगा.
4. हाई COVID-19 संक्रमण वाले क्षेत्र
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पहचान किए गए प्राथमिकता वाले समूहों के लिए रोलआउट की प्राथमिकता चरणबद्ध करने के लिए सामान्य लचीलापन होगा. और वह भी NEGVAC द्वारा तय किए गए डाटा के अनुसार पहचाने गए भौगोलिक क्षेत्रों में जहां COVID-19 संक्रमण का प्रचलन अधिक है.
आम लोगों को कब लगेगी वैक्सीन?
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साफ कर दिया गया है कि पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही वैक्सीन दी जाएगी. इसके बाद सरकार ने देश के करीब 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की रूपरेखा तैयार की है. हालांकि आम लोगों को वैक्सीन के लिए अभी कम से कम अगले छह महीने तक का इंतजार करना होगा. यह भी साफ हो गया है कि वैक्सीन को किसी निजी अस्पताल में लगाने की इजाजत फिलहाल नहीं दी जा रही है. सरकार वैक्सीन के काम को अपनी देखरेख में ही अंजाम देगी. आम लोगों के लिए जुलाई तक वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद है.
कैसे होगा रजिस्ट्रेशन
सरकारी फोटो पहचान अपलोड करें या आधार प्रमाणीकरण (Authentication) करें. प्रमाणीकरण बायोमेट्रिक्स, ओटीपी या जनसांख्यिकीय के माध्यम से हो सकता है. एक बार पंजीकृत होने के बाद, टीकाकरण के लिए एक तारीख और समय आवंटित किया जाएगा. मौके पर कोई पंजीकरण नहीं होगा और केवल पूर्व पंजीकृत लाभार्थियों को टीकाकरण के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी.🙏
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आपको जीवन में आगे बढ़ने,और जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने मैं हिम्मत और साहस की जरुरत है अगर आप में ये साहस है तो आप खुद को और इस देश को बदल सकते है,खोजोंगे अगर तो रास्ते मिलेंगे, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं,जिस दिन लोग ऐसी सोच रखना शुरू कर देंगे, उस दिन हमारा भारत सही मायने मे महान कहलाएगा,धन्यवाद, |जय हिन्द| |जय भारत |अगर आप को मेरे विचार अच्छे लगे तो प्लीज़,आप अपने विचार दें||