कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में भारतीय रेलवे
भारत में कोरोना वायरस को रोकने के लिए भारत सरकार ने दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क को भी लॉकडाउन कर दिया था, भारत में रेलवे सिर्फ एक सेवा नहीं, बल्कि दुनिया की एक बहुत ही बड़ी व्यवस्था है,भारत का रेल नेटवर्क दुनिया का सबसे लंबा रेल नेटवर्क है,सरकारी ट्रस्ट इंडिया ब्रैंड इक्विटी फाउंडेशन की वेबसाइट के मुताबिक 13,452 यात्री ट्रेन के ज़रिए क़रीब 2.3 करोड़ लोग और वहीं दूसरी ओर माल ढुलाई के मामले में भारत करीब 1.01 मिलियन टन की ढुलाई करता है 1,23,236 किलोमीटर के दायरे में प्रतिदिन यात्रा करते हैं|आप को ये अच्छे से पता है की भारत में रेलवे को भारत की लाइफ लाइन कहा जाता है लॉक डाउन में भारत की लाइफ लाइन ने हर राज्य तक जरुरी सामान की सेवा दी , इस लॉक डाउन में केवल माल गाड़ियां चली,कोरोना वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार ने सभी प्रकार की यात्री ट्रेनों की सेवा को 11may2020 तक के लिए बंद कर दिया था |
भारतीय रेलवे |
कोरोनावायरस के खिलाफ लड़े जा रहे विश्वयुद्ध में भारतीय रेलवे लगातार हर मोर्चे देश के साथ
लॉक डाउन के बाद भारत में 13,524 यात्री ट्रेनें चलाने की स्थिति में इतना आसान नहीं, भारतीय रेलवे को वापिस पटरी पर लाने के लिए 60 हजार से अधिक सहायक ड्राइवर, ड्राइवर, 25 हजार से अधिक गार्ड, 30 हजार से अधिक टीटीई और टीसी, आठ हजार रेलवे स्टेशन पर तैनात स्टेशन प्रबंधक और अन्य ट्रेन परिचालन से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को पूर्व में ड्यूटी ज्वाइन करने के निर्देश जारी करने होंगे।
भारत में कोरोना की लड़ाई में भारतीय रेलवे सरकार के साथ
रेलवे ने कहा, कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही इस लड़ाई में वह सरकार के साथ है।इसके लिए रेलवे ने अपनी सभी इकाइयों को अस्पताल के सामान्य बेड, मेडिकल ट्रॉली और अन्य सुविधाओं को देश के कोरोना पीड़ितों के नाम कर दिया है इसके अलावा रेलवे ने देश में आनाज , नमक, खाद्य तेल, चीनी, दूध, फल और सब्जियां, प्याज, कोयला और पेट्रोलियम उत्पादों के 474 रैक तैयार किये गए और इस लॉक डाउन में देश के कोने कोने तक अपनी सेवाएं दी है |रेलवे ने यह कदम देशभर में लॉकडाउन के बाद उठाया था |
मंगलवार 12 May से शुरू होने वाली ट्रेनों के परिचालन के लिये दिशा-निर्देश
- केवल कन्फर्म ई-टिकट धारकों को ही यात्रा करने की अनुमति मिलेगी |
- यात्रियों की स्टेशन के एंट्री गेट पर आवश्यक स्क्रीनिंग की जाएगी |
- अगर यात्रियों में संक्रमण की स्तिथि पाई गयी तो यात्रा की अनुमति नहीं जाएगी |
- यात्रियों से ट्रेन के निकलने के समय (Departure Time) से 90 मिनट पहले रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के लिए कहा है |
- यात्रियों अपनी यात्रा के दौरान थोड़ा-बहुत या जरुरी सामान ही ले जाये |
- स्टेशन पर दाखिल होते समय व यात्रा के दौरान यात्री को मास्क पहनना अथवा चेहरा ढकना अनिवार्य |
- यात्रा खत्म होने के बाद यात्रियों को संबंधित राज्य द्वारा जारी किए गए हेल्थ प्रोटोकॉल को फॉलो करना होगा |
भारतीय रेलवे श्रमिक स्पेशल में 1200 की जगह 1700 मजदूर यात्रा कर सकेंगे
दिल्ली से 15 जगहों के लिए ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया है। इससे पहले रेलवे का कहना है की मजदूरों के लिए राज्यों की सिफारिश पर चल रहीं श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलती रहेंगी। इसे लेकर अब रेलवे ने एक और अच्छी खबर दी है। रेलवे के मुताबिक इन ट्रेनों में पहले 1200 लोगों के बैठने की अनुमति थी ये बढ़ कर अब 1700 लोग तक हो गयी है और अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनें में 1700 लोग बैठ सकेंगे।
1200 से 1700 तक |
पहले ये श्रमिक ट्रेनें एक स्टॉपेज पर रूकती थी अब ये एक की जगह तीन स्टॉपेज पर रुकेगी। पहले ट्रेनें एक राज्य से चलकर सीधे दूसरे राज्य में सरकार द्वारा तय एक स्टॉपेज पर रुकती थी। अब राज्य सरकार द्वारा बताए गए 3 स्टॉपेज पर ट्रेनें रुकेंगी। जिस के चलते देश के काफी मजदूरों को इस का लाभ होगा |
भारतीय रेलवे लॉकडाउन के बाद से सभी यात्री ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया था । राज्य सरकारों की सिफारिश पर केंद्र ने रेलवे से लॉकडाउन में फंसे लोगों को घर भेजने के लिए श्रमिक ट्रेनें चलाने के लिए कहा था। इसके बाद से राज्यों की मांग पर रेलवे श्रमिक ट्रेनें चला रहा है। अब तक 468 ट्रेनों से मजदूर-छात्र अपने घरों तक पहुंचाए जा चुके हैं।
लॉकडाउन के चलते रेलवे को बड़ा घाटा
रेल मंत्रालय लॉकडाउन के चलते होने वाले घाटे को पाटने के लिए 13 लाख से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन और भत्ते पर कैंची चलाने की योजना बना रहा है। इसके तहत टीए, डीए सहित ओवर टाइम ड्यूटी के भत्तों को समाप्त किया जाएगा।
रेल ड्राइवर-गार्ड को ट्रेन चलाने पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से मिलने वाला भत्ता भी नहीं दिया जाएगा। रेलवे का तर्क है कि ड्यूटी करने के लिए कर्मचारियों को भत्ता क्यों दिया जाए। रेलवे पहले ही गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रही है। लॉकडाउन से हालत ओर पतली हो गई है। इसे देखते हुए ओवर टाइम ड्यूटी के लिए मिलने वाले भत्ते में 50% कटौती करने की जरूरत है।
यात्रा, मरीज देखभाल, किलोमीटर समेत नॉन प्रैक्ट्रिस भत्ता में एक वर्ष तक 50% कटौती होनी चाहिए। कर्मचारी एक महीने ऑफिस नहीं आता है तो परिवहन भत्ता सौ फीसदी कटे। बच्चों के पढ़ाई भत्ता के लिए 28 हजार मिलते हैं। इसकी समीक्षा होगी।
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आपको जीवन में आगे बढ़ने,और जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने मैं हिम्मत और साहस की जरुरत है अगर आप में ये साहस है तो आप खुद को और इस देश को बदल सकते है,खोजोंगे अगर तो रास्ते मिलेंगे, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं,जिस दिन लोग ऐसी सोच रखना शुरू कर देंगे, उस दिन हमारा भारत सही मायने मे महान कहलाएगा,धन्यवाद, |जय हिन्द| |जय भारत |अगर आप को मेरे विचार अच्छे लगे तो प्लीज़,आप अपने विचार दें||