कोरोना वायरस का संक्रमण
चीन में वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस 122 देशों तक पहुंच गया है और इसके संक्रमण से मरने वालों की संख्या 5000 के पार हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे महामारी घोषित किया है। अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 123,000 को पार कर चुकी है। और यह लगातार बढ़ रहा है। पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले कोरोना वायरस से लड़ना कठिन होता जा रहा है।कोरोना वायरस 122 देशों में |
- कोरोना से दुनिया भर में अब तक 4600 लोग मारे गए हैं।
- ईरान में कोरोना और दक्षिण कोरिया में अब तक 92 लोगों की मौत हो चुकी है।
- फेसबुक में, एक कर्मचारी के फेसबुक में कोविद 19 का संक्रमण पाया गया है।
- अकेले इटली में, कोरोना से अब तक 366 लोग मारे गए हैं।
- अब तक चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 88,466 हो गई है।
- अब तक चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना से मरने वालों की संख्या 3200 तक पहुंच गई है।
- भारत में भी कोरोना से संक्रमण के 82 मामलों की पुष्टि हुई है।
कोरोना वायरस के लक्षण कोरोना वायरस क्या है?
सावधान रहने की जरूरत है |
- कोविद के लक्षण 19
- बुखार, खांसी / कफ
- सांस लेने में परेशानी
- गला खराब होना
- छींक,
- अस्थमा का बिगड़ जाना
- थकान महसूस कर रहा हूँ
इस बीमारी के लक्षण क्या हैं?
इस संक्रमण के परिणामस्वरूप, बुखार, ठंड, सांस की तकलीफ, बहती नाक और गले में खराश जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसको लेकर काफी सावधानी बरती जा रही है। यह वायरस पहली बार दिसंबर में चीन में पकड़ा गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार, 30 दिसंबर को वुहान के एक अस्पताल में डॉ। ली वेनलियानग ने 7 रोगियों को रहस्यमय बीमारी से पीड़ित पाया। इसके बाद, उन्होंने सावधानी बरती और उन्हें तुरंत आइसोलेशन वार्ड में रखने का आदेश दिया।
निवारक उपाय क्या हैं?
Bhartiya Sanskriti Ki Aur Laute Kadam (Namaste Corona) |
इस संक्रमण के बढ़ते जोखिम के कारण, इसे फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अब तक यह पूरी तरह से ज्ञात नहीं है कि कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है। इसी तरह के वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों से फैलते हैं।
इस वायरस के लिए अभी तक कोई वैक्सीन तैयार नहीं की गई है. सावधानी के तौर पर अभी तक जो किया जा रहा है वो बस यही है कि संक्रमित और बीमार लोगों से दूरी बनाकर रखी जाए.एक-दूसरे के साथ चीजें शेयर करने से करॉना वायरस के फैलने की संभावना को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता है।
जितना संभव हो सके किसी भी देश की यात्रा करने के दौरान मीट खाने से बचें और कच्चा या अधपका मीट तो बिल्कुल भी ना खाएं।
भारतीय संस्कृति की और लौटते कदम (नमस्ते कोरोना)
भारतीय संस्कृति नमस्ते का मतलब ?
पूरी दुनिया नमस्ते की आदत डाल रही है |
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोरोनावायरस पर कहा- पूरी दुनिया नमस्ते की आदत डाल रही है, अगर किसी कारण से हमने ये आदत छोड़ दी है तो हाथ मिलाने के बजाय इस आदत को फिर से डालने का ये उचित समय है।
जब हम नमस्ते करते है तो उस के पीछे की वजह क्या है,नमस्ते या नमस्कार को संस्कृत में अनुच्छेद करें तो हम पाएंगे की नमस्ते दो शब्दों से बना है नमः + अस्ते। नमः का मतलब होता है झुक गया और असते मतलब सर( अहंकार या अभिमान से भरा) यानि मेरा अहंकार से भरा सिर आपके सामने झुक गया। नम: का एक और अर्थ हो सकता है जो है न + में यानी की मेरा नहीं सब कुछ आपका। आध्यात्म की दृष्टि से इसमें मनुष्य दूसरे मनुष्य के सामने अपने अंहकार को कम कर रहा है। नमस्ते करते समय में दोनों हाथों को जोड़कर एक कर दिया जाता है जिसका अर्थ है की इस अभिवादन के बाद दोनों व्यक्ति के दिमाग मिल गए या एक दिशा में हो गए।
भयभीत करने वाले कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका से भी यदि बचना है तो किसी बीमार व्यक्ति से हाथ न मिलाएं, बल्कि दोनों हाथ जोड़ कर नमस्कार करें।
पीएम नेतन्याहू ने कहा (नमस्ते कोरोना) |
भारत में प्रचलित नमस्ते
की इसी परंपरा को दिल्ली के सबसे बड़े स्वास्थ्य संगठन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) यानी AIIMS में भी कुछ दिनों से देखा जा रहा है। वास्तव में एम्स ने एक अनूठी पहल करते हुए नमस्ते कैंपेन (Namaste Campaign) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य लोगों को संक्रमण (Infection) के प्रति जागरूक (Aware) करना है, क्योंकि किसी भी संक्रमण के फैलने का एक मुख्य कारण एक-दूसरे से हाथ मिलाना भी है। आइए जानते हैं एम्स ने क्यों और कैसे किया नमस्ते अभियान का शुभारंभ ?
फ्रेंच प्रेजिडेंट एम्मानुएल मैक्रॉन ने कहा नमस्ते कोरोना |
एम्स के डॉक्टर और नर्स कुछ दिनों से लोगों का स्वागत हाथ मिला कर नहीं, अपितु नमस्ते करके कर रहे थे। पहले तो लगा कि एम्स में भारत की पुरानी परम्परा को बढ़ावा देने के लिए ‘नमस्ते’ किया जा रहा होगा, परंतु जब इस बात की गहराई का पता चला, तो इस सांस्कृतिक पुरातन नमस्ते परम्परा का वैज्ञानिक कारण भी सामने आया। दरअसल 18 से 24 नवंबर 2019 तक एम्स में वर्ल्ड ऐंटीबायॉटिक अवेयरनेस वीक (World Antibiotic Awareness Week 2019) मनाया जा रहा है। इसी के तहत यह कैंपेन चलाया गया है। एम्स के अनुसार अगर लोग हाथ नहीं मिलाएँगे, तो एक से दूसरे में इन्फेक्शन होने का ख़तरा कम होगा। साथ ही ऐंटीबायॉटिक्स के प्रयोग में भी गिरावट आएगी। इन्फेक्शन कम होगा, तो उपचार भी सरल व सस्ता होगा। एम्स के कार्डियोथोरासिक विभाग के एचओडी डॉ. शिव चौधरी का कहना है, ‘हाथ इन्फेक्शन को फैलाने का सबसे बड़ा माध्यम होते हैं। हाथ से हम हर वस्तु को छूते हैं, जिससे हाथ संक्रमित होता है और फिर वही संक्रमण दूसरों तक पहुँचाता है। यही कारण है कि हम हाथ मिलाने की आदत को नमस्ते करने की आदत में बदलने का प्रयास कर रहे हैं।”
इसलिए ऑफिस हो या बाहर लोगों से हाथ मिलाने से बचें, क्योंकि हो सकता है आप ने अपने हाथ को हाइजीन किया हो, परंतु आपसे हाथ मिलाने वाला आपके लिए अपने हाथों में भर-भर के इन्फेक्शन लाया हो। अत: अगली बार किसी से हाथ मिला कर नहीं, अपितु नमस्ते करके उसका स्वागत करें। संक्रमित रोग आसानी से फैलता है। ऐसा अधिकांशत: दूसरों से हाथ मिलाने से होता है। इसलिए इनसे बचने के लिए हमेशा हाथों को स्वच्छ रखें। हो सके, तो लिक्विड सोप से हाथों को बार-बार धोएँ और दूसरों के हाथों के संपर्क में आने से बचें। यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं हो, तो अच्छे Hand Sanitizer का प्रयोग करें|
इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए नियमित व्यायाम करें
अपनी दिनचर्या और खानपान में थोड़ा बदलाव कर आप खुद को स्वस्थ रखने के साथ-साथ अपनी इम्यूनिटी को भी सुधार सकते हैं। सच तो यही है कि जब आपका इम्यून सिस्टम दुरुस्त रहेगा, तभी आप अच्छी सेहत के मालिक बने रह सकेंगे। इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए नियमित व्यायाम के साथ-साथ अपने खानपान में सजगता बरतने के अलावा अपने आहार में उन चीजों को शामिल करना भी जरूरी है, जो आपके शरीर को पोषण प्रदान करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली हों।अगर आप इन सब ऊपर लिखी बातो को अपने दिनचर्या में शामिल करेंगे तो कोरोना वायरस कुछ नहीं कर पाए गा क्योंकि जिस की इम्यूनिटी कमजोर है असर उस पर ज्यादा है इस लिए आप योग करें सही खाना खाएं|कोरोना वायरस से बचने को लेकर बाबा रामदेव ने आयुर्वेद को सबसे बड़ा हथियार बताया है. बाबा रामदेव ने बताया कि अगर आप लगातार गिलोय, तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा पीते रहें तो आप कोरोना वायरस को मात दे सकते हैं इसके अलावा कोरोना वायरस से बचने के लिए हल्दी का काढ़ा भी मददगार साबित होगा. बाबा रामदेव ने बताया कि कोरोना वायरस से बचने के लिए सबसे पहले अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होगा, जिसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी गिलोय का रस लेना होगा. इसके अलावा कोरोना से बचने के लिए हम एलोवेरा का इस्तेमाल भी कर सकते हैं एलोवेरा का जूस इस बीमारी से लड़ने में आपकी काफी मदद करेगा. दूध में हल्दी मिलाकर पीने से भी आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और आप इस विधि से भी कोरोना वायरस को मात दे सकते हैं.
आयुर्वेदाचार्य पीयूष त्रिवेदी का कहना है कि गाय के दूध, गाय के घी, सौंठ, नीम और गिलोय के सेवन से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है.
कोरोना वायरस की अफवाहों को नजरअंदाज करें, सोशल मीडिया पर प्याज के उपचार से बचें, जैसे कि प्याज लेहसुन, और दूसरों के लिए आगे न करें, अगर आप शराब या धूम्रपान का सेवन करते हैं, तो यह आपकी प्रतिरक्षा को कम कर देगा। यदि आप देते हैं, तो इस वायरस से बचने के लिए कुछ समय के लिए शराब और धूम्रपान करना बंद कर दें। अगर आपका खुद डॉक्टर बनने का मन नहीं है, तो नजदीकी अस्पताल जाएं और डॉक्टर से पूरी तरह से सलाह लें।
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आपको जीवन में आगे बढ़ने,और जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने मैं हिम्मत और साहस की जरुरत है अगर आप में ये साहस है तो आप खुद को और इस देश को बदल सकते है,खोजोंगे अगर तो रास्ते मिलेंगे, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं,जिस दिन लोग ऐसी सोच रखना शुरू कर देंगे, उस दिन हमारा भारत सही मायने मे महान कहलाएगा,धन्यवाद, |जय हिन्द| |जय भारत |अगर आप को मेरे विचार अच्छे लगे तो प्लीज़,आप अपने विचार दें||