विदेशी सही कहते थे कि भारत सपेरों का देश है?
यह मोदी के आने के बाद पता चला कि हमने आस्तीन मे कितने सांप पाल के रखे हैं!26 जान जो भी कुछ दिल्ली में हुआ उस के बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच स्थित गाजीपुर बॉर्डर को किले में बदल दिया गया है। हजारों किसान यहां नए केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। पुलिस ने विरोध स्थल और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती पर कई स्तरों पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं। पैदल यात्रियों को रोकने के लिए बैरिकेड्स के अलावा कांटेदार तार लगाए गए हैं और स्पाइक भी सड़क पर लगाए गए हैं।
आप इस को विडम्बना नहीं बोलेगे तो क्या बोलगे !
और अधिक जाने - कृषि सुधारों की मांग वर्षों से की जा रही थी।
अपने ही देश मे जो हिन्दू हर जगह झूठे सेकुलरिज्म का शिकार होता चला आ रहा है जिस पर भगवा आतंकी होने का बेबुनियाद आरोप मढ़ा जा रहा है जिसकी अस्मिता पर रोज आघात किया जा रहा है उस हिन्दू समाज के एक वर्ग को विरोधियों द्वारा किये जा रहे षडयंत्रों के बाद भी देश और धर्म के भविष्य को लेकर कोई डर नही लग रहा है बल्कि वो अभी भी चैन से चिरनिद्रा जैसी नीद मे सो रहा है कि उसका साथ जो दे रहा है जो उसके लिये खड़ा है उसे भी वो पहचान नही पा रहा है !और जो अपनी गलत बात को भी गलत तरीके से,ऊपर से गलत फोरम पर मनवाने की जिद पर अड़ा है,जिसे पूरी दुनिया पहचान चुकी है,ऐसी जेहादी+अर्बन नक्सली+मिशनरी+कांगी+आप प्रजाति के काले कारनामे को देश मे रहने पर डर लग रहा है कह कर छाती पीट कर समर्थन देकर उनका मनोबल बढ़ाने का काम करने वाली भारत विरोधी कोठे की बौद्धिकता का पाखंड ओढ़ने वाली,शहरी नक्सलियों के गिरोह की,एवार्ड वापसी,मोमबत्ती,बड़की बिंदी गैंग और बालीवुड की तवायफों और कमर मटकाने वाले नचनियों का नाटक भी गजब का है .बेशर्मी,बेहयाई और थेथरई से ये लोग न केवल दुष्प्रचार कर रहें है बल्कि अफवाह के दम पर आग लगा कर राजनीति की रोटी सेंकने का दुष्कर्म भी कर रहे हैं बहरहाल,
अब राजनीति का यह घिनौना रूप पिछले दो महीनो से अधिक समय से देखने वाले तमाम सेकुलर,नोटाधारी तथा तटस्थ जनमानस की आँखों पर चढ़ी गलतफहमी की पट्टी भी उतर जाना चाहिये कि ये किसानो का आंदोलन है और इस आंदोलन के पीछे कितना खतरनाक खेल खेला जा रहा है लेकिन अपनी अति बौद्धकता की अपच मे बहुसंख्यक समाज का यह वर्ग गांधारी बन कर कौरवों के साथ खड़ा होकर अपने साथ अपने आने वाले वंशजों का भी सर्वनाश निश्चित कर लिया है |
क्या लॉबी का निशाना सनातन राष्ट्रवाद की मशाल के वाहक मोदी हैं ?
क्या लॉबी का निशाना सनातन राष्ट्रवाद की मशाल के वाहक मोदी हैं कथित किसान आंदोलन को सोशल मीडिया पर समर्थन देते हुये पॉप स्टार रेहाना,गागा,कमला हैरिस की कपूती हैरिस,लिली और पोर्न स्टार मिया खलीफा को देख कर समझ जाइये कि इस देश विरोधी आंदोलन की जड़े कितनी गहरी है और कौन इसके पीछे है वही अंतर्राष्ट्रीय लॉबी है जो राष्ट्रवादी ट्रम्प को अपनी कुटिल चालों से निगल लिया वही ट्रम्प जिसने अपने पहले भाषण मे ही आतंकवाद का मजहब बता दिया था वही ट्रम्प जिसने सबसे पहले कोरोना को चाइनीज वायरस कहा था उस ट्रम्प को लीलने के बाद अब उन अंतराष्ट्रीय ताकतों का निशाना नेतन्याहू के साथ मोदी और पुतिन भी है तभी नेतन्याहू को चुनावो मे उलझाया गया है और पुतिन के विरूद्ध रूस की सड़कों पर बेबुनियाद आधार पर मार्च निकाले जा रहें है चूंकि इन सभी नेताओं ने राष्ट्रवाद को सर्वप्रथम रखा इसलिये इसकी कीमत इनसे वो शक्तियां वसूल करना चाहती हैं जिन्हे लोकतंत्र और राष्ट्रवाद से बेहद नफरत है जैसे लोकतंत्र से नफरत करने वाला वामपंथ,जिसका एकमात्र रहनुमा चीन बना हुआ है और जैसे राष्ट्रवाद से घृणा करने वाले हरे टिड्डों का मजहब यही दोनो मिल कर पूरी दुनिया मे अशांति के जन्मदाता हैं और इसी लॉबी का निशाना सनातन राष्ट्रवाद की मशाल के वाहक मोदी हैं बाकी हमारे देश का विपक्ष इनके फेंके डालर,दीनार और पौंड पर मुजरा कर रहे हैं !
हमारे देश मे हुये कई चुनावो मे लगातार बुरी तरह पिट चुकी कांग-रेस जो हमेशा से उस ताकतवर वैश्विक लॉबी का एक हिस्सा रही है उसको दो आमसभा चुनावो मे हारने के बाद समझ मे आ गया कि वो मोदी को लोकतंत्र के बल पर कभी नही हरा सकती है तो उस ताकतवर लॉबी की पेड़ एजेंट फिरंगन जो अब बेहद घटिया स्तर पर उतर कर मोदी से मुकाबला करने असहाय कोशिश कर रही है |
मोदी बस धरती और पानी को लाल होने से रोकना चाहते हैं क्योंकि शायद बहुसंख्यक समाज अभी उतना तैयार नही है जितना तैयार गिद्धों,भेड़ियों और मगरमच्छों का कुनबा है.समझिये कि कांगियों,वामियो और जेहादियों का गठजोड़ वैश्विक रूप से कितना ताकतवर,सामर्थ्यवान और धनवान होने के साथ सत्ता पाने के लिये क्या क्या कर रहा है और आगे क्या क्या करने वाला है इन्होने ही हम पर छ दशक तक राज केवल हमारी राजनैतिक अनमयस्कता,उपेक्षा और असावधानी के कारण किया लेकिन अब हमे शपथ है महादेव कि इनके हाथ मे सत्ता की डोर कभी नही देना है |
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आपको जीवन में आगे बढ़ने,और जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने मैं हिम्मत और साहस की जरुरत है अगर आप में ये साहस है तो आप खुद को और इस देश को बदल सकते है,खोजोंगे अगर तो रास्ते मिलेंगे, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं,जिस दिन लोग ऐसी सोच रखना शुरू कर देंगे, उस दिन हमारा भारत सही मायने मे महान कहलाएगा,धन्यवाद, |जय हिन्द| |जय भारत |अगर आप को मेरे विचार अच्छे लगे तो प्लीज़,आप अपने विचार दें||