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Sacha Bhartiya Jisne Jita 133cr ka Dil #CoronaFighter


देश की सेवा का है जज्‍बा हो तो आप देश सेवा कैसे भी कर सकते है 


नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती


आप ये जानते है की सारी दुनिया  एक तरफ कोरोना से पीड़ित है परेशान,आज हर तरफ मौत का खेल है हर तरफ एक डर का सनाटा पसरा है।जब सारी दुनिया में महामरी से परेशां है तो भारत भी इस से नहीं बच पाया कोरोनावायरस से कितने लोग परेशान है वह तो 130 करोड़ लोग ही परेशान है विदेशो में रहने वाले भारतीय अपने घरो को आने के लिए परेशान है, एक ऐसी बीमारी है जो आपका घर आपका परिवार आपका देश पूरा खा सकती है इसलिए हर कोई परेशान है यही खतरा है जिस से लोगों की जिंदगी का सवाल है जुड़ा है| 
अब मैं आपसे एक सवाल का जबाब जानना चाहूंगा क्या आप देश की मदद कैसे करेंगे? क्या आप भी केवल  जंग के मैदान में ही अपना कुछ योगदान दे सकते है या आप देश की सेवा के लिए कुछ कर सकते है ?
 मुझे यकीं ही नहीं पूरा विश्वास हैं के देश से प्रेम करने वाला हर व्यक्ति “हाँ” ही कहेगा।
 देश का हर एक नागरिक अपनी योग्यता, रुचि और अभिरुचि के अनुरूप व्यक्ति देश के बहुमुखी विकास में योगदान दे सकता है यह सहायता कैसे की जा सकती हैं आइये आज  बात करते हैं एक कैप्टन की जिसने आज सरे देश का दिल जीत लिया | 

कोरोना संकट में विदेशो  में फंसे भारतीयों को पहुंचा घर

     राजेश कुमार गुर्जर    
एक कैप्‍टन की चर्चा उनके गांव ही नहीं पूरे देश में हो रही है। उनके काम को सुनकर आपको भी नाज होगा कि हमारे देश में ऐसे कोरोना योद्धा हैं जिसके कारण देश की आन-बान और शान बढ़ जाती है। आइए जानते हैं नोएडा के आगहपुर के रहने वाले राजेश कुमार गुर्जर के उस काम को जिसे सुनकर आपको भी महसूस होगा गर्व।ये बात आज साबित हो गयी की भारतीय किसी भी मुश्किल में अपने देश को उभरने के लिए खुद की जान की भी परवाह नहीं करता, आज देश में डॉक्टर , सफाई कर्मचारी , पुलिस , मेडशल स्टाफ , और न जाने कितने लोग देश की सेवा में लगे है ये देश उन सब को सलाम कर रहा है, मगर इन सब से हैट कर एक नाम है राजेश कुमार  नोएडा का एक छोटा से गांव आगहपुर यहां के रहने वाले राजेश कुमार गुर्जर पेशे से कैप्‍टन हैं। जब पूरे देश-दुनिया में लॉकडाउन है तब इन्‍होंने अपनी मानसिक मजबूती का परिचय देते हुए उस देश गए जहां हर दिन कई लोग कोरोना वायरस से दम तोड़ रहे हैं। राजेश कुमार ने भारत में फंसे कई विदेशियों को उनके घर तब पहुंचाया है जब कोई भी पायलट विदेश जाने को तैयार नहीं था जब हर कोई फ्लाइट ले कर जाने से मन कर रहा था तब राजेश कुमार गुर्जर  ना सिर्फ जाने के लिए हामी भरी बल्‍कि वह वहां जाकर ना कोई आराम किया बल्‍कि वहां सिर्फ फ्यूल भरवाकर वापस देश लौट आए उनके साथ उनकी टीम को देश सलाम करता है जिस टीम ने भारतीय जनता का दिल जीत लिया, हमरे देश में कई विदेशी भी लॉक डाउन में फंसे गए थे इस महामारी के चलते भारत में बहुत से विदेशियों को  सरकार ने क्‍वारंटाइन में भेज दिया था। इसके बाद जब इनका क्‍वारंटाइन पूरा हुआ तब सरकार ने इन्‍हे इनके देश वापस छोड़ने का प्‍लान बनाया। इसके लिए कई पायलटों से राय मांगी गई मगर सभी ने लंदन जाने से मना कर दिया। तब ऐसे वक्‍त में राजेश ने बहादुरी का परिचय देते हुए पूरे मिशन को बखूबी पूरा किया।


ऐसे किया ये कारनामा 


राजेश एयर इंडिया की फ्लाइट 161-162 लेकर 13 अप्रैल की देर रात 2:30 बजे उड़े और लंदन सुबह भारतीय समयानुसार 11 बजे पहुंच गए। इसके बाद वहां उन्‍होंने वेटिंग रूम में ही समय काटा और बस इंधन भरवाने के लिए रुके। इसके बाद मात्र एक घंटे की ब्रेक के बाद उन्‍होंने फिर से प्‍लेन की कमान थाम ली। बता दें कि पूरी

कोरोना संकट में विदेशो  में फंसे भारतीयों को पहुंचा घर

प्रकिया में लगभग 17 घंटे से ज्‍यादा बिना आराम किए उड़ान भरी। उन्‍होंने दिल्‍ली से लंदन जाने के लिए पहले 230 यात्री अमृतसर से लिए और फिर 70 यात्री दिल्ली से लिए। इसके बाद अपने मिशन पर निकल गए। इस दौरान सभी यात्रियों को एक-एक सीट छोड़कर दूरी पर बैठाया गया था। यात्रियों के लिए भोजन भी पहले ही सीट पर रख दिया गया था। भोजन, एक बोतल पानी और एक गिलास कोल्ड ड्रिंक रखी गई थी।

लोगों को केवल सरकार पर चिल्लाने और दोषी ठहराने के स्थान पर देश के प्रति अपने कर्त्तव्यों को समझना चाहिये। हम सभी जानते हैं कि देश की वृद्धि एवं विकास के लिये सभी व्यक्ति व्यक्तिगत रुप से जिम्मेदार हैं।

आइये यह शुरुवात हम आज ही अपने आप से ही करते हैं, हम को यह कभी नहीं भूलना चाहिये कि कर्तव्य भावना के बिना अधिकार की मांग निरर्थक है। यदि इस समस्या का समाधान कर लिया जाए, तो देश की कई समस्याएं अपने आप हल हो जाएँगी, क्योंकि आज व्यक्ति अपने अधिकारों की कामना तो करता है, लेकिन कर्तव्य नहीं निभाना चाहता। इस लिए आप सब से आग्रह है की आप को जैसे सरकार आदेश देती है आप उस का पालन करे अगर आज सरकार आप को अपने घर में रहने के लिए बोल रही है तो वो आप के भले के लिए , 

#STAYATHOMESTAYSAFE 
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती



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