आरक्षण मुक्त भारत एक आज़ादी ओर
अब सोचने वाली बात है की क्या आरक्षण होना चाहिए या नहीं? अगर होना चाहिए तो आरक्षण की सही मायनों में जरुरत किसको है? आरक्षण जातिगत, लिंग आधारित, प्रबंधन, धर्म आधारित, शारीरिक रूप से विकलांग, सामाजिक या आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पे होना चाहिए या कोई अन्य मापदंड से होना चाहिए? हम भारत को महान क्यों कहते हैं, जब शिक्षा भारत में एक समान हो तो योग्यता में आरक्षण क्यों?
सो बात की एक बात |
हमारे देश में कहीं ऐसे लोग है, जिन्हे सही मायनों में आरक्षण की जरुरत ही नहीं है, चाहे वह जाती के आधार पर हो या लिंग के आधार पर – लेकिन ज्यादातर लोग जो की अपनी आय के अनुसार जरुरत ना होने पर भी यदि किसी भी मापदंड में उन्हें आरक्षण मिल रहा है तो वह उसका लाभ उठाने से नहीं चूकते| जबकि ऐसे लोगों को स्वेच्छा से आरक्षण का लाभ नहीं लेना चाहिए ताकि इसका लाभ उन्हें मिल सके जिन्हे सही में इसकी जरुरत हो|
जिस दिन लोग ऐसी सोच रखना शुरू कर देंगे, उस दिन हमारा भारत सही मायने मे महान कहलाएगा|जय भारत | जय हिन्द| यदि आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा तो ज़रूर से इसे शेयर करें और कमेंट भी करे|
1 Comments
किसी की गलतियां निकलना बहुत आसान है मगर क्या हम जानते है की हमरी कहाँ कमी है
ReplyDeleteआपको जीवन में आगे बढ़ने,और जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने मैं हिम्मत और साहस की जरुरत है अगर आप में ये साहस है तो आप खुद को और इस देश को बदल सकते है,खोजोंगे अगर तो रास्ते मिलेंगे, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं,जिस दिन लोग ऐसी सोच रखना शुरू कर देंगे, उस दिन हमारा भारत सही मायने मे महान कहलाएगा,धन्यवाद, |जय हिन्द| |जय भारत |अगर आप को मेरे विचार अच्छे लगे तो प्लीज़,आप अपने विचार दें||